भारत में प्राथमिक षिक्षा की स्थिति

Authors

  • डा. आर. एस. मिश्रा विभागाध्यक्ष षिक्षा ए. के. एस. विष्वविद्यालय सतना

Keywords:

बहुमंजिली, गुणवत्ता, औपचारिक।

Abstract

व्यक्ति समाज और राष्ट्र के निर्माण में प्राथमिक षिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्राथमिक षिक्षा की नींव पर व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की प्रगति के भवन तथा बहुमंजिली इमारतों एवं अट्टालिकाओं के रूप में सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं वैज्ञानिक प्रगति निर्भर करती है। स्वामी विवकानंद ने कहा था कि ’’राजनीति उस समय तक विफल रहेगी जब तक सभी भारतीयों को षिक्षित नही कर लिया जाता है।1
प्राथमिक षिक्षा सम्पूर्ण षैक्षिक व्यवस्था की प्रथम सोपान है, इसके बाद माध्यमिक षिक्षा एवं उच्च षिक्षा का स्थान आता है। प्राथमिक षिक्षा की गुणवत्ता संपूर्ण षिक्षा व्यवस्था के स्तर एवं गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं सामान्यतः षिक्षा अविधिक एवं अनौपचारिक रूप से बच्चे के जन्म के साथ ही प्रारंभ हो जाती है, लेकिन सविधिक एवं औपचारिक तथा नियमित षिक्षा का षुभारंभ कक्षा एक से किया जाता है और कक्षा पाॅंच उत्तीर्ण करने के साथ ही प्राथमिक षिक्षा समाप्त हो जाती है। प्राथमिक षिक्षा जनकल्याण का मूल आधार है अतः इसके विकास की महती आवष्यकता है।

References

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Published

2015-07-31

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Articles