माखनलाल चतुर्वेदी जी का स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन में साहित्यिक प्रदेय

Authors

  • डाॅ0नीलम सैनी

Keywords:

तत्सामयिक, यात्रा, युगीन

Abstract

आधुनिक हिन्दी साहित्य पर दृष्टिपात करने पर यह तथ्य स्पष्ट हो जाता है कि युग के विचार बोध का तत्सामयिक काव्य सृजन पर भली भांति पड़ा है । युगीन विचार धाराओं और प्रवृत्त्तियों से कविमन का प्रभावित होना सहज स्वाभाविक होता है । जीवन ओर जगत के विविध कार्य व्यापारों के बीच ही तो कवि की लोक यात्रा पूर्ण होती है । अतः उसके विचार संसार का सम सामायिक जीवन की वास्तविकताओं की गहरी छाप पडती है ।

References

माखनलाल चतुर्वेदी व्यक्तित्व और कृतित्व

कृष्ण देव शर्मा

माखनलाल चतुर्वेदी जीवनी

ऋषि जैमिनी कौषिक बरुआ

माखनलाल चतुर्वेदी रचनावली -भाग 1

श्रीकांत जोषी

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श्रीकांत जोषी

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