नई कहानी : आंदोलन और प्रेरक तत्व

Authors

  • किरण वट्टी केशव पटेल सहायक प्राध्यापक, शासकीय राजा भोज महाविद्यालय मंडीदीप रिसर्च स्कालर, चित्रकूट विश्वविद्यालय चित्रकूट

Keywords:

नई कहानी, नई कहानी आंदोलन

Abstract

1950 के बाद की कहानी विषय और शिल्प दोनों ही दृष्टियों से पूर्ववर्ती कहानियों से भिन्न है। पुरानी कहानी में जहां पूर्वाग्रह से ग्रसित मिलती है वहीं नई कहानी पूरी तरह से पूर्वाग्रह से मुक्त है । नई कहानी के कहानीकारों ने जीवन को यथार्थ रूप से देखने और समझने का प्रयास किया है ।ये कहानियां भोगे हुए यथार्थ से जुडी हुई। आधुनिक मानव के जीवन को विविध कोणों से देखकर उसका सही परिपेक्क्ष में चित्रण करने का प्रयास इन कहानीकारों ने किया है स्वतंत्रता के बाद हमारी मानसिकता में बदलाव आया है प्रजातंत्रिक मूल्यों के संबंध में हमारी आदर्शवादी परिकल्पना झूठी साबित हुई हैं तथा जीवन के कठोर आदर्श से हमारा परिचय घनिष्ठ हुआ है । अत: कहानियों के विषय अब जीवन की वास्तविक समस्याओं से पूरी जुडे हैं

References

डॉ नामवर सिहं -समकालीन हिन्दी कहानी

कमलेश्वर- हिन्दी की गद्य विधाएं

डॉ गणपति चंद्र गुप्त- आधुनिक कहानी में विषय वैविध्य

मार्कण्य – 20 सदी की हिन्दी कहानी

डॉ अशोक तिवारी- हिन्दी गद्य की विधाएं

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Published

2015-11-30