‘‘मैला आँचल उपन्यास में लोक जीवन मूल्य’’

Authors

  • डाॅ. प्रियम्वद मिश्रा रा.दु.वि.वि., जबलपुर

Keywords:

स्वतंत्रता, उपन्यास।

Abstract

‘‘मैला आँचल’’ भारतीय गाँवों में स्वतंत्रता के बाद घटित हो रहे परिवर्तनों का एक दस्तावेज माना जाता है। ’गोदान’ के समान फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास ’’मैला आँचल’’ को विशेष ख्याति प्राप्त हुई है। ग्रामों का सांस्कृतिक जीवन लोकगीत, पर्व-त्यौहारों पर ही निर्भर है। गरीबी, शोषण के बाद भी ग्राम्य-सांस्कृतिक चेतना मंे कई परिवर्तन नहीं हुआ है।

References

प्रो. सिद्धेश्वर प्रसाद - साहित्य का मूल्यांकन

जोसेफ एच. फिचर - सोशियोलाजी, पृ. 294

डाॅ. रामदास मिश्र - ‘‘हिन्दी के आंचलिक उपन्यास‘‘

फणीश्वरनाथ रेण - ‘‘मैला आँचल’’ प्रथम संस्करण की भूमिका। अगस्त 1954

डाॅ. देवेश ठाकुर - ‘‘मैला आँच की रचना प्रक्रिया’’।

डाॅ. इन्दु प्रकाश पाण्डेय-

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Published

2015-07-31

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