ग्रामीण क्षेत्र के आर्थिक विकास में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी का विश्लेषण

Authors

  • डाॅ सौम्य पल्टा वाणिज्य एवं प्रबंध षोध केन्द्र डाॅ. राधाबाई षास. नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर

Keywords:

सेवा सुपुर्दगी, जन प्राधिकरणों, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, प्रायोगिक परियोजनाओं

Abstract

ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाओं के अंतर्गत सुविधाएं में निजी भागीदार ग्रामीण विकास मंत्रालय की चल रही योजनाओं के अंतर्गत जल और सीवरेज, ग्रामीण गलियों का निर्माण एवं रखरखाव, जल-निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, कौशल विकास और आर्थिक क्रियाकलापों का विकास जैसी सुविधाएं एंव सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होंगे जैसे स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, संपूर्ण स्वच्छता अभियान आदि। वे योजनाएं भी शामिल हो सकती हैं जोकि तैयार रुप में उपलब्ध हैं क्योंकि परियोजना के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधा के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र अर्थात् नवीन एंव नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा संचार और सूचना प्रौधोगिकी मंत्रालय आदि ग्रामीण विकास मंत्रालय के दायरे में नहीं आते हैं।

References

Das, V. (ed.) (2003). Handbook of Indian Sociology. New Delhi, Oxford University Press

Breman, J. (2007). Poverty Regime in Village India, New Delhi, Oxford University Press.

सविता कुमारी, सार्वजनिक, निजी भागीदारी द्वारा ग्रामीण विकास, कुरुक्षेत्र,

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Published

2016-01-31