‘‘प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था (वेद एवं स्मृतियों के संदर्भ में)‘‘

Authors

  • Ranjana गौतम असिस्टेन्ट प्रोफेसर केशरवानी महाविद्यालय जबलपुर (म.प्र.)

Keywords:

धार्मिक, समाज, शिक्षा।

Abstract

मानव समाज के विकास में प्राचीनकाल से ही प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यव्स्था की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। सामाजिक विकास के अंतर्गत आर्थिक , राजनीतिक शिक्षा , धार्मिक शिक्षा , स्वास्थ्य शिक्षा , गुरूकुल शिक्षा, वैदिक शिक्षा , ज्यौतिष शिक्षा , वेद-वेदांग शिक्षा एवं व्यवहारिक शिक्षा आदि शिक्षा वेद-वेदांग तथा स्मृतियों की ही देन है। (अर्थात) वेद एंव स्मृति ग्रंथ प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था एवं संस्कृति के आदि उदगम स्रोत है।

References

संदर्भ सूची (त्ममितमदबमे)

ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद , अथर्ववेद:- संपादक -वेदमुर्ति तपोनिष्ठ पं: श्रीराम शर्मा आचार्य , मथुरा (उ.प्र.)।

वीस स्मृतियां (प्रथम खण्ड , द्वितीय खण्ड ):- सपांदक वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य मथुरा (उ.प्र.)।

संस्कृत मंजरी (त्रैमासिक पत्रिका 1/07 से मार्च 07) प्रकाशक - दिल्ली संस्कृत अकादमी।

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Published

2014-04-30

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Articles