हिंदी साहित्य और छत्तीसगढ़ी लोकसाहित्य

Authors

  • डॉ. अंजनीपाठक रंजिता प्रधान हिंदी विभागाध्यक्ष्य डॉ. सी.वी .रमनविश्वविद्दालय करगीरोड,कोटा बिलासपुर (छ .ग ) इंडिया एम् .फिल (हिंदी ) शोधार्थी छात्रा

Keywords:

साहित्यिक, शास्त्रीय

Abstract

‘हिंदी’ शब्द का अर्थ हिंदी भारतवर्ष के एक बहुत विशाल प्रदेश की साहित्य भाषा है।राजस्थान औरपंजाब राज्य की पश्चिमी सीमा से लेकर बिहार के पूर्वी सीमांत तक तथा उत्तरप्रदेश के उत्तरी सीमांत सेलेकर मध्य प्रदेश के मध्य तक के अनेक राज्यों की साहित्यिक भाषा को हम हिंदी कहते आए हैं।इस प्रदेश में अनेक स्थानीय बोलियाँ प्रचलित हैं।सबका भाषा-शास्त्रीय ढाँचा एक-जैसा ही नहीं है, साहित्य में भी किसी एक ही बोली के ढाँचे का सदा व्यवहार नहीं होता था, फिर भी हिंदी साहित्य की चर्चा करने वाले सभी देशी-विदेशी विद्वान् इस विस्तृत प्रदेश के साहित्यिक प्रयत्नों के लिए व्यवहृत भाषा या भाषाओं को हिंदी कहते रहे हैं।वस्तुतः हिंदी साहित्य के इतिहास में ‘हिंदी’ शब्द का व्यवहार बड़े व्यापक अर्थों में होता रहा है।

References

ऽ छत्तीगढीसाहित्य . श्री प्यारे लाल गुप्त

ऽ छत्तीगढी भाषा साहित्य औरलोक साहित्यदृडॉ. बिहारीलालसाहू

ऽ हिंदी साहित्य का इतिहासदृरामचंद्र शुक्ल

ऽ हिंदी साहित्य का सरल इतिहासदृविस्वनाथ त्रिपाठी

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Published

2016-04-30

Issue

Section

Articles