भारत वर्श के मंदिर व मठों का-राश्ट्र जागरण में योगदान

Authors

  • डा0 नितिन सहारिया षा0एम0एम0महाविद्यालय कोतमा (अनूपपुर) मध्य प्रदेष

Keywords:

धार्मिक, मार्गदर्षन।

Abstract

हिन्दू जीवन पद्वति में मंदिर राश्ट्रीय चेतना का केन्द्र रहे हंै। मन्दिरो  के निर्माण के पीछे चिन्तको व मनीशियो का उद्देष्य धार्मिक क्रिया कलापो तक ही सीमित नही था। धार्मिक क्रिया कलाप मंदिरो के निर्माण के निमित्त ही थे, लेकिन उससे कहीं अधिक राश्ट्र जागरण का विशय थे। जहा एक ओर मंदिर षैक्षणिक केन्द्र के रूप में व्यक्ति निर्माण में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करते थे, वही दूसरी ओर समाजिक एकत्रीकरण व विभिन्न सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए मार्गदर्षन केन्द्रो के रूप में भी उपयोगी थे।

References

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Published

2014-01-31