गोविन्द मिश्र के उपन्यासों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना

Authors

  • रत्ना कुशवाह सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, ज. ने. रा. म. पोर्ट ब्लेयर

Keywords:

धार्मिक, समाज, शिक्षा।

Abstract

संस्कृति का सम्बन्ध मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से हैं। मानव जीवन बहुआयामी, जटिल और अत्यन्त व्यापक हैं। धार्मिक, दार्शनिक, नैतिक मान्यताएँ, मूल्य और अनुभूतियाँ भी सांस्कृतिक चेतना के अन्तर्गत समाविष्ट है। धर्म का भी मानव जीवन में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। धर्म ही मनुष्य को एकता के सूत्र में बाँधता है। धार्मिक मान्यताएँ एवं क्रियाएँ व्यक्ति और समाज के बीच महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करती है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने धर्म की उचित परिभाषा दी है - “धर्म है ब्रह्म के सत्स्वरूप की व्यक्त प्रवृत्ति, जिसकी असीमता का आभास अखिल विश्व स्थिति में मिलता है। इस प्रवृत्ति का साक्षात्कार परिवार और समाज के ऐसे छोटे क्षेत्रों से लेकर समस्त भूमण्डल और अखिल विश्व तक के बीच किया जा सकता है। परिवार और समाज की रक्षा में, लोक के परिचालन में, और समष्टि रूप में, अखिल विश्व की शाश्वत् स्थिति में सत् की इसी प्रवृत्ति के दर्शन होते हैं।

References

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - चिन्तामणि, मानस की धर्म भूमि, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी.,2004 पृ. 128 2 गोविन्द मिश्र -तुम्हारी रोशनी में, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 1985. पृ. 19. 3 गोविन्द मिश्र - उतरती हुई धूप, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 1987. पृ. 86. 4 गोविन्द मिश्र - पाँच आँगनों वाला घर, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली, 1995 पृ. 216. 5 गोविन्द मिश्र - हुजूर दरबार, पृ. नेशनल पब्लिशिंग हाऊस, नई दिल्ली, 1981 पृ. .163. 6 गोविन्द मिश्र - पाँच आँगनों वाला घर, पृ. 187. 7 वही पृ. 8 8 गोविन्द मिश्र - कोहरे में कैद रंग, भारतीय ज्ञानपीठ, पृ. 2004.पृ. 72. 9 गोविन्द मिश्र - लाल पीली जमीन, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, 1988.पृ. 64 10 वही पृ. 63. 11 गोविन्द मिश्र - कोहरे में कैद रंग, पृ. 17. 12 गोविन्द मिश्र - पाँच आँगनों वाला घर, पृ. 20 13 वही पृ. 68 14वही, पृ. 168. 15 गोविन्द मिश्र - हुजूर दरबार, पृ. 14 16 गोविन्द मिश्र - धीर-समीरे, राजपाल एण्ड संस, दिल्ली, 1988.पृ. 99. 17 गोविन्द मिश्र - लाल पीली जमीन, पृ. 52

गोविन्द मिश्र - धीर-समीरे, पृ. 113. 19वही पृ. 186. 20 वही पृ. 106. 21 सं. चन्द्रकान्त बांदिवडेकर - गोविन्द मिश्र: सृजन के आयाम, वाणी प्रकाशन, दिल्ली .2007 पृ. 182. 22 वही, पृ. 180. 23 वही, पृ. 185.

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Published

2014-04-30

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