जनजातीय समाज व वैधकीय यान

Authors

  • डाॅं. नितिन सहारिया षासकीय एम.एम. महाविद्यालय कोतमा, जिला-अनूपपुर (म0प्र0)

Keywords:

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Abstract

ध्य प्रदेश का जनजातीय समाज आर्थिक दृष्टि से विपन्नहै। यहां विषेष रूप से सात पिछड़ी जन जातियां है।इनका रहन-सहन, खान-पान, आर्थिक स्थिति शिक्षा का प्रतिशत प्रादेषिक औसत से कम है।इस कारण भारत सरकार ने इन्हें विशेष पिछड़ी जनजातियों के वर्ग में रखा है। ये है-बैगा, भारिया, कोरबा, कमार, अबुझ माडि़या, सहरिया और बिरहारे।इन जनजातियों कारहवासी क्षेत्र अनारक्षित क्षेत्र है, जिसके विकास की  विशिष्ट योजनाएँ है।

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Published

2014-07-31

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