गोंड-भोसले शासन काल में चंद्रपूर राज्य की आर्थिक स्थिती - (इ.स.1497-इ.स.1853)
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Abstract
गोंड शासक हीरशहाने महाराष्ट्र के पूर्व में बसे चंद्रपूर को अपनी राजधानी बनाया। अपने राज्य में 17 जमीनदारीयाँ निर्माण कर कृषी क्षेत्र का विकास किया। गोंड शासन काल में अनेक तालाबों का निर्माण होने से और तेलंगना से कोमटी (वैश्य) लोग चंद्रपूर में आकर बसने से कृषि और व्यापार दोनों क्षेत्र में वृध्दी हुई। इससे राज्य की आर्थिक स्थिती बेहतर हुई। परंतु मुगलों के दक्षिण भारत में आगमन के पश्चात इस राज्य को उनका मांडलिक बनना पडा और मुगलों के दक्षिण भारत के अभियान में उन्हें सैनिकी सहायता भी करनी पडी। इससे राज्य की आर्थिक स्थिती दुर्बल हुई। एैसी स्थिती में नागपुर के भोसले शासकों ने चंद्रपूर पर बार-बार आक्रमण कर उसे जित लिया। इस तरह चंद्रपूर राज्य नागपुर राज्य का एक सुबा बन गया। परंतु भोसले शासकों द्वारा दुर्लक्षित रहने के कारण मराठा शासनकाल में इस प्रदेश की कृषी एवंम व्यापार के क्षेत्र में विशेष उन्नती नहीं हो सकी। ऐसे में बार-बार पडनेवाले अकाल, अंग्रेज-मराठा युध्द और पिंडारियों के आक्रमण से दिनोंदिन राज्य की आर्थिक स्थिती दुर्बल होती गयी और अंत में यह ब्रिटीश साम्राज्य का एक भाग बन गया।
References
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