भारतीय दर्षन में भौतिकवादी चिन्तन

Authors

  • कु. सरला साहू एम.ए. गोल्ड मेडलिस्ट, एम.फिल्. षोध छात्रा, रा.दु.वि.वि. जबलपुर म.प्र.

Keywords:

चेतन, मनस, जड़, गुणागत, सामंजस्य

Abstract

भौतिकवाद या जड़वाद उस दार्षनिक विचार को कहा जाता है जिसके अनुसार विष्व का मूल आधार जड़ द्रव्य या भौतिक तत्व है । विष्व के सभी पदार्थो की उत्पत्ति या विकास जड़ द्रव्य से ही होता है । विष्व का कोई भी पदार्थ वस्तुतः जड़ ही है । साधारणतः हमें चार प्रकार के तत्वों का अनुभव होता है -जड़, जीव, मनस तथा चेतन तत्व का । इसमें गुणागत भेद प्रतीत होता है । जड़ पदार्थ विस्तृत होते हैं, जीव, मनस और चेतना अविस्तृत हैं । तब क्या जीव, मनस और चेतना की उत्पत्ति दूसरे प्रकार के द्रव्य से होती है ?
भौतिकवाद के अनुसार जीव, मनस और चेतना भी जो अभौतिक प्रतीत होते हैं जड़ द्रव्य के ही रूप हैं । उनकी भी उत्पत्ति या विकास जड़ द्रव्य से ही होती है । अतः सभी पदार्थे की उत्पत्ति का स्रोत एक ही है - जड़ द्रव्य ।

References

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वही : पृष्ठ 270

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Published

2016-05-31

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