राष्ट्रीय महिला आयोग एवं महिला अधिकार

Authors

  • डा0 आभा त्यागी प्राचार्या वैश्य कन्या महाविधालय समालखा (पानीपत) हरियाणा

Keywords:

Abstract

विश्व मानव समाज के सांसारिक स्वतंन्त्रता, शान्ति व न्याय की नींव इस सिद्धान्त पर आधारित है। कि सबको मानव होने के कारण, जीवन जीने का समान अधिकार मिले, किसी का किसी भी स्तर पर शोषण ना हो। पुरूष व महिला में लिंग समानता हो और मानव अधिकारों के संदर्भ मे कोई लिंग भेद विकास के प्रसंग में न आये और कोई नीति न अपनाये जिससे नारी व पुरूष के बीच कोई असमानता, शोषण व दुराव तथा घृणा की स्थितियाॅं बनती है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के उक्त मानव अधिकार उद्घोषणा प्रस्तावना मे सारे विश्व मानव समाज मे समानता व विकास के समान अवसरो को बिना भेदभाव के मानवता का वृहत्तर हित मे करने का प्रभावी वर्णन है। भारत भी संयुक्त राष्ट्रसंघ का सदस्य है और भारत भी उक्त विश्व मानव समाज के उद्घोष को क्रियान्वन करने के लिए वचनबद्ध है।

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सत्यापित किया जाता है कि यह शोध पत्र मौलिक है और इसका प्रकाशन कहीं अन्यत्र नही हुआ है।

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Published

2016-06-30

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Articles