स्वामी विवेकानन्द का दार्शनिक चिंतन . एक ऐतिहासिक अवलोकन

Authors

  • श्रीमती नीलम दुबे सहायक प्राध्यापक इतिहास विभाग N.I.M.T.जबलपुर

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Abstract

स्वामी विवेकानन्द का आधुनिक दार्षनिकों में मुख्य स्थान है वेदान्त दर्षन को व्यवहारिक बनाने के साथ-साथ उन्हें सरल भाषा में सब जगह जाकर समझाने का भरसक प्रयास किया है  इस विधा को अपने देष मे ही नहीं अपितु विदेषों में भी समझाने का प्रयास किया है उनका यह  दृढ़ विष्वास है कि वेदान्त दर्षन बुद्धि विलास का समय नहीं है वह एक सम्पूर्ण जीवन का दर्षन है विवेकानन्द का दर्षन एक काल का नहीं अपितु युगो-युगो तक चलने वाला है इसके आधार पर एक सार्वभौमिक जीवन पद्धति का निर्माण किया जा सकता है इनके वेदान्त दर्षन में जीवन के शास्वत मूल निहित है स्वामी विवेकानन्द ने वैदिक दर्षन एवं धर्म को पुर्नजीवित करने के लिए जीवन भर प्रयास किया। रामकृष्ण मिषन की स्थापना इनका प्रत्यक्ष उदाहरण है।

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Published

2015-05-31

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