नारी सशक्तिकरण के बढ़ते कदम

Authors

  • डाॅ. रमा शर्मा बुनियादी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय गांधी विद्या मन्दिर सरदार शहर चुरू

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Abstract

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः क्रिया
-मनुस्मृति-अर्थात् जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है, जहाँ इनका सम्मान नहीं होता वहाँ सभी कर्म निष्फल हो जाते है। पूजा का अर्थ रोली अक्षत लेकर चढ़ाने से नहीं हंै। बल्कि इसका अर्थ कि जहाँ नारी को गौरव दिया जाता है उसकी षिक्षा की उचित व्यवस्था की जाती है और उसको समाज के निर्माण में पुरूषों के समान ही स्वतन्त्रता प्रदान की जाती है, वहाँ देवता निवास करते हैं।

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Published

2016-08-31

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