उपनिषेदों में योग: (पंचकोषों का विषेष विवेचन)

Authors

  • डाॅ0 सुनील नौटियाल कुमाॅउ विष्वविद्यालय,नैनिताल

Keywords:

Abstract

मुक्तिकोपनिषद् मेें उपलब्ध उपनिषदांे की एक सूची दी गई है। उसके अनुसार उपनिषद् 108 हैं जिसमें 103 उपनिषद् ऋग्वेद से, 19 षुक्लयजुर्वेद से, 32 कृष्ण यर्जुर्वेद से, 16 सामवेद से तथा 31 अथर्ववेद से सम्बन्ध हैं। इन उपनिषदों में योगप्रक्रिया तथा योगाड्रों का विस्तार से वर्णन है।सर्वप्रथम तैतरीय उपनिषदों में पंच कोषों द्वारा आत्मा के पांच मुख्य आवरणों का उल्लेख जिनके द्वारा क्रमषः स्थूल आवरण में आत्म भावना का निषेध करते हुए ब्रह्म स्वरूप के साक्षात्कार की बात बताई गयी है। ये कोष हैं-1. अन्नमयकोश 2ण् प्राणमयकोश 3ण् मनोमयकोश 4ण् विज्ञानमयकोश 5ण् आनन्दमयकोश । प्रत्येक कोशो
में आलम्बन का अभाव करते करते अन्त में अभाववृत्ति का भी अभाव करके निरालम्ब समाधि की सिद्धि होती है।

References

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Published

2016-08-31

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