भारत का प्राकृतिक परिवेश अलबरूनी की कलम से

Authors

  • डाॅ भावना तिवारी विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग नवयुग कला एवं वाणिज्य महाविधालय जबलपुर (म0प्र0)

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Abstract

‘‘भूगोल इतिहास की जननी है’’ उक्त कथन विश्व के समस्त क्षेत्रों के लिए ब्रम्ह सत्य है। इसका अत्यन्त सटीक एवं वृहद उदाहरण भारतवर्ष है जहाँ भौगोलिक परिवेश ने इसके इतिहास को बहुत ही स्पष्ट आकार दिया।
प्रकृति ने इस देश को जहाँ एक ओर अपूर्व सौन्दर्य और विविधता प्रदान की है वहीं दूसरी ओर उसने भारत को आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए प्रचुर संसाधनों से संपन्नता प्रदान की है।ऐसा माना जाता है कि दुष्यन्त के पुत्र भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा। कुछ विद्वान मानते हैं कि ऋषभ देव के ज्येष्ठ पुत्र का नाम भरत था और उन्हीं के नाम पर इस देश का नाम भारतवर्ष पड़ा है। ईरानियों ने इसे हिन्दुस्तान कहकर संबोधित किया है और यूनानियों ने उसे इण्डिया कहा है। प्राचीन साहित्य में उसे जम्बू दीप का एक भाग माना गया है।

 

References

अलबरूनीः इंडिया बाय अलबरूनी अनु.संपा. अहमद-कया-मुद्दीन पृ.122

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अलबरूनीः इंडिया बाय अलबरूनी अनु.संपा. अहमद-कया-मुद्दीन पृ.102

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Published

2016-08-31

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Articles