मध्यप्रदेश में पर्यटन विकास एवं सम्भावनाएँ
Keywords:
संपोषित विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, वन्यजीव, अर्थव्यवस्था, प्रबंधन।Abstract
मध्यप्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं तथा पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का दूसरा बड़ा राज्य है। (3,08,000 वर्ग कि.मी.)1 जो भारत की कुल जनसंख्या का (2011) (7,25,97,565) का 6.1 प्रतिशत है।2 म.प्र. का एक तिहाई हिस्सा वन संपदा के रूप में संरक्षित है जहां पर्यटक वन्य जीव को पास से जानने का अद्भुद अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। म.प्र. की अपनी संस्कृति है और धार्मिक परम्परायें हैं, उनके उत्सव मेलों में रंग भरती है। म.प्र. प्राकृतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक चारों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस राज्य में विन्ध्याचल व सतपुड़ा पर्वत श्रेणियाँ तथा नर्मदा, ताप्ती, चम्बल, सोन, बेतवा, इन्द्रवती व महानदी जैसी सरिताओं ने प्राकृतिक सोन्दर्य को बढ़ाया है। पचमढ़ी की सुन्दरता, भेड़ाघाट की संगमरमर की चट्टानें, धुँआधार प्रपात, विचित्र प्रकार के बारहसिंहा के लिये कान्हा नेशनल पार्क, बांधवगढ़ किला व राष्ट्रीय नेशनल पार्क प्रागैतिहासिक गुफाएँ व वन्य जीवों के लिये प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। म.प्र. में स्थित किले, महल, स्तूप, अभ्यारण गुफाएँ व स्मारक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ग्वालियर, माण्डू, दतिया, चन्देरी, जबलपुर, ओरछा, रायसेन, साॅची, विदिशा, उदयगिरि, भीमबेटिका, इन्दौर व भोपाल ऐसे स्थान हैं जो प्राचीन स्मारकों के लिए विख्यात है, महेश्वर, ओंकारेश्वर, उज्जैन, चित्रकूट व अमरकटंक प्राकृतिक तीर्थ स्थान हैं। खजुराहो के मंदिर विश्व में प्राचीन संस्कृति के अनूठा उदाहरण है। सतना, साॅची, विदिशा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, रीवा पुरातात्वीय महत्व के भण्डार हैं। पन्ना, पेंच और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, ओरछा, भोजपुर और उदयपुर के मंदिर तीर्थ यात्रियों को आकर्षित करते हैं।References
मध्यप्रेदश जनगणना 2011. 3. मैथीसन, ए.एण्ड वाॅल, जी. टूरिज्मः इकौनोमिक, फिजिकल एन्ड सोशल इम्पैक्ट्स (1980) लौंगमैन न्यूयार्क पृष्ठ 97. 4. कोहेन, ई.द इम्पैक्ट आॅफ टूरिज्म, आॅन द फिजिकल इनवायरमेंट, (1978) एोनाल्स आॅफ टूरिज्म रिसर्च, न्यूयार्क पृष्ठ 226. 5. पियर्स, डगलस, टूरिस्ट डिवेलैपमेंट (1981) लौंगमैन न्यूयार्क, पृष्ठ 50. 6. मैथीसन, ए. एण्ड वाॅल पूर्व उद्वत, पृष्ठ 101 7. राॅविन्सन, एच.ए. ज्योग्राफी विभाग आॅफ टूरिज्म (1976) मैक डोनेल्ड एण्ड टूवान्स, लन्दन, पृष्ठ 29. 8. मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, पर्यटक मेप, टूरिस्ट सर्किटल (2014) 9. म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, म.प्र. टूरिस्ट मेप (2014), कौल आॅफ द वाइल्ड. 10. डाॅ. लाल एवं जैन, म.प्र. सामान्य ज्ञान, उपकार प्रकाशन, आगरा-2 पृष्ठ 122. 11. म.प्र. राज्य पर्यटन विकास नीति 2012, सम्पोषित विकास. 12. म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम नीति 2012 नीति पत्र के 19 वें बिन्दु. 13. म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम, आर्थिक विकास ‘‘वार्षिक रिपोर्ट’’ 2011
Downloads
Published
Issue
Section
License
Copyright Notice
Submission of an article implies that the work described has not been published previously (except in the form of an abstract or as part of a published lecture or academic thesis), that it is not under consideration for publication elsewhere, that its publication is approved by all authors and tacitly or explicitly by the responsible authorities where the work was carried out, and that, if accepted, will not be published elsewhere in the same form, in English or in any other language, without the written consent of the Publisher. The Editors reserve the right to edit or otherwise alter all contributions, but authors will receive proofs for approval before publication.
Copyrights for articles published in World Scholars journals are retained by the authors, with first publication rights granted to the journal. The journal/publisher is not responsible for subsequent uses of the work. It is the author's responsibility to bring an infringement action if so desired by the author.