अज्ञेयजी के उपन्यास 'षेखर : एक जीवनी का मनोवैज्ञानिक विष्लेषण

Authors

  • Manisha Sharma HOD (Mass Com. Department) Choithram College Indore

Keywords:

मनोवैज्ञानिकता एमानसिकए संघर्ष

Abstract

प्रस्तुत शोध पत्र अज्ञेयजी के उपन्यास 'शेखर : एक जीवनी में मनोवैज्ञानिकता के चित्रण पर आधारित है। वैसे भी अज्ञेयजी मनोवैज्ञानिक साहित्यकार माने जाते हैं। अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि उनके साहित्य में मनोवैज्ञानिक चिंतन के साथ-साथ जनवादी चेतना के स्वर भी मिलते हैं इसलिए वे मानव के अहं भाव तथा मानसिक संघर्ष और तनाव जैसी प्रवतितयों का चित्रण सरलता से करते हैं। अंत में उसे एक सृजनात्मक मोड़ या सकारात्मक दृषिट से प्रस्तुत करते हैं। उनका मानना है कि यही प्रवृतितयां छदम रूप में सभ्य मानव के समस्त व्यकितगत, सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक कि्रयाओं को संचालित करती है।

References

संदर्भ सूची 1. शेखर : एक जीवनी ;भाग-1द्ध - अज्ञेय 2. शेखर : एक जीवनी ;भाग-1द्ध - अज्ञेय 3. शेखर : एक जीवनी ;भाग-1द्ध - अज्ञेय 4. शेखर : एक जीवनी ;भाग-1द्ध - अज्ञेय अन्य संदर्भ सूची 1. डा. परमांनद श्रीवास्तव शेखर : एक जीवनी का महत्व। 2. डा. रामस्वरूप चतुर्वेदी हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास। 3. अज्ञेय आत्मनेपद। 4. डा. गोपाल राय हिन्दी उपन्यास कोष ;भाग-2द्ध 5. डा. रामस्वरूप चतुर्वेदी अज्ञेय और आधुनिक रचना की समस्या 6. ओम प्रभाकर अज्ञेय का कथा साहित्य 7. नंद दुलारे वाजपेयी आधुनिक साहित्य 8. डा. शषिभूषण सिंहल हिन्दी साहित्य : नये क्षितिज 9. डा. रामदरष मिश्रहिन्दी उपन्यास : एक अंर्तयात्रा 10. जगदीष पांडेयशील-निरूपण : सिद्धांत और विनियोग। 11. डा. राजमल बोराहिन्दी उपन्यास : प्रयोग के चरण। 12. डा. सुषमा प्रियदर्षिनीहिन्दी उपन्यास। 13. केदार शर्माउपन्यासकार अज्ञेय। 14. विजय मेाहनसिंहअज्ञेय : कथाकार और विचारक।

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Published

2014-01-31