बालिकाओं की प्राथमिक शिक्षाः प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के सन्दर्भ में, एक अध्ययन

Authors

  • आसू दुबे लक्ष्मी साहूजी बाई काॅलेज आॅफ एडूकेशन , जवलपुर म.प्र.

Abstract

शिक्षा मानव विकास का मूल साधन है । इसके द्वारा व्यष्टि, समाज और राष्ट्र सभी का विकास होता है । यह मनुष्य को वह सब प्राप्त करने में सहायता करती है । यह मनुष्य को वह सब प्राप्त करने में सहायता करती है जिसके कि वह योग्य है और जिसकी वह आकांक्षा करता है । राष्ट्र की सम्पन्नता, शक्ति, उन्नति एवं प्रगति का शिक्षा से गहरा सम्बंध है । शिक्षा के प्रसार से समाज की सांस्कृतिक प्रगति तथा अध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है शिक्षा के प्रसार से ही समाज में न्याय, स्वतंत्रता तथा शान्ति जैसे आदर्शों को विकसित किया जा सकता है । अतः शिक्षा आधुनिक जीवन प्रणाली का सबसे प्रमुख संसाधन है जिसके माध्यम से व्यक्ति ज्ञान का संचय करता है । इसके अभाव में व्यक्ति अधूरा है । वर्तमान में शिक्षा प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का बुनियादी अधिकार है क्योंकि इसके माध्यम से ही वह अपने को अधिक गुणवान बनाकर विकास के उच्चतम शिखर तक पहंुच सकता है । शिक्षित व्यक्ति को ही समाज में सम्मान, गौरव एवं आत्मनिर्भरता प्राप्त होती है तथा इसके द्वारा ही वह शक्ति प्रस्फुटित होती है जो उसे आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से उन्नत बनाती है । अतः शिक्षा को विकास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण हथियार बनाना समय की प्रबल मांग है ।

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Published

2014-06-30

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Articles