ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य निर्माण में स्वयं सहायता समूहों के योगदान’’ का विश्लेषणात्मक अध्ययन

Authors

  • Sunit Tiwari पी-एचडी0 शोधार्थी (समाज कार्य) महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट सतना (म0प्र0)

Keywords:

Abstract

ग्रामीण मसमाज में महिलाओं की स्थिति पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा सशक्त हो इसके लिए आवश्यक है महिलाएं स्वस्थ्य हो, शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति न तो आगे बढ़ सकता है और न ही अपने विकास के बारे में सोच सकता है। जिले की महिलाओं को शिक्षा से जोड़ना, उनके रोजगार के स्तर को बढ़ाना, महिलाओं में नेतृत्व का विकास करना, निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना, महिला जनसंख्या को पुरूषो के अनुपात में बढ़ाना सभी कुछ तभी संभव है जब की महिलाएं शारीरिक रूपसे स्वस्थ्य हों। हम सभी जानते हैं कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में कार्य कर रही है फिर चाहे वे ग्रामीण अंचल की हों या नगरीय अंचल की। महिलाओं के स्वास्थ्य पर ही बच्चों का स्वास्थ्य भी निर्भर करता है अर्थात पुरूषों से ज्यादा महिलाओं को स्वस्थ्य रहने की जरूरत है। महिलाएं अपने स्वास्थ्य को बेहर तभी बना सकती, जब उनके पास पर्याप्त आय के स्त्र्रोत हो और उनमें निर्णय लेने की क्षमता हो और उपरोक्त दोनो बाते तभी पूरी हो सकती है जब ग्रामीण महिलाएं स्व-सहायता समूहों की सक्रिय सदस्य हो। प्रस्तुत शोध कार्य के माध्यम से शोधार्थी द्वारा यह पता लगाने का प्रयत्न किया गया हे कि स्वयं सहायता समूह किस तरह से ग्रामीण महिलाओं को बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करने में सक्षम है।

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Published

2017-06-30