स्टेट बैंक आॅफ इंडिया में कर्मचारी प्रबंधन का आलोचनात्मक अध्ययन ‘‘(स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना के विशेष संदर्भ में)’’
Keywords:
Abstract
‘‘ग्राहक सर्वोपरि है’’ इस ध्येय को सामने रखते हुए ही 1 जुलाई 1955 से अस्तित्व में आये स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने विगत वर्षों से सम्पूर्ण देश व प्रदेश में सफल एवं सकारात्मक बैंकिंग सेवा के माध्यम से अपनी एक पृथक पहचान अंकित की है । विगत वर्षों से बैंकिंग उद्योग में शीर्षस्थ स्थान कायम रखते हुए स्टेट बैंक ने सदैव ही समाज और अर्थव्यवस्था की प्रत्येक जरूरत की प्रतिपूर्ति की है । चंद शाखाओं के साथ प्रारंभ हुई इस संस्था ने देश ही नहीं विश्व के सबसे विशाल बैंक होने का गौरव प्राप्त है । यही वजह है, कि आम आदमी से लेकर बड़े उद्योगपतियों की पहली पसंद भारतीय स्टेट बैंक है । रात-दिन अथक एवं चुनौतीपूर्ण प्रयत्नों के फलस्वरूप बैंक द्वारा अपनी शाखाओं का आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण तीव्र गति से किया जा रहा है। बैंक द्वारा प्रबुद्ध ग्राहकों के लिए नई-नई ऋण योजनायें एवं आधुनिक बैंकिंग जैसे-ई-बैंकिंग, ई-बिजनेस, ई-शापिंग, ई-बिल, टेली बैंकिंग जैसी सुविधाऐं उपलब्ध करवाकर यह सिद्ध किया है, कि स्टेट बैंक आॅफ इंडिया इस मशीनी युग में भी किसी विदेशी या निजी बैंको की लुभावनी योजना से पीछे नहीं है ।
स्टेट बैंक की इस भव्य विशालता को देखते हुए मैंने यह शोध पत्र मानव संसाधन विकास पर केन्द्रित किया है । भारत सरकार ने सन् 1990-91 से आर्थिक सुधारों की श्रृंखला प्रारम्भ की । आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत सार्वजनिक उपक्रमों में कर्मचारियों की संख्या कम करने की नीति अपनाई गई। इसी नीति के अन्तर्गत स्टेट बैंक आॅफ इण्डिया (भारतीय स्टेट बैंक) ने दिसम्बर 2000 में अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना की घोषणा की तथा 31 जनवरी 2001 तक इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों पर विचार कर इस योजना को लागू किया । इस तिथि तक 35,380 कर्मचारियों ने आवेदन किया जिसमें 20,784 कर्मचारियों को सेवा निवृत्ति की अनुमति प्रदान की गई । सेवा निवृत्त कर्मचारियों में 32ः अधिकारी, 54ः अवार्ड स्टाफ वर्ग एवं शेष अधीनस्थ स्टाफ वर्ग से थे । इस योजना पर कुल 2,271.24 करोड़ रूपये व्यय किया गया ।
References
भारतीय स्टेट बैंक वार्षिक रिपोर्ट - वर्ष 1993-94 से 2003-04 तक, केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई द्वारा प्रकाशित ।
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया-मंथली रिव्यू - केन्द्रीय कार्यालय मुम्बई द्वारा प्रकाशित।
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया-मंथली रिव्यू - भारत शासन द्वारा प्रकाशित ।
एवर लेटेस्ट इन बैंकिंग - भारतीय स्टेट बैंक अधिकारी संघ, भोपाल वृत्त, भोपाल।Hand Book on staff matter State Bank of India – State Bank of India Mumbai Circle, Mumbai.
- Hand Book on staff matter State Bank of India, Personnel Department Local Head Office, Bhopal
सर्कुलर 1995 से 2004 तक - स्थानीय प्रधान कार्यालय, भोपाल ।The State Bank of India & Rural Development – Dr. Narendra Prasad, Amar Prakashan, Delhi.स्टाफ प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा - स्टेट बैंक स्टाफ काॅलेज, गुड़गांव ।
रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया वार्षिक रिपोर्ट - वर्ष 1994-2004 तक रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया, मुम्बई द्वारा प्रकाशित ।Development Banking Issue and option – Vasant Desai, Himalaya, Publishing House.
- The Indian Institute of BAnker Annual Report – (1994-95 to 2004-05). The Arcade Tower 4, World Trade Centre, Mumbai.
नाबार्ड वार्षिक रिपोर्ट - 1994-2004 तक
कैरियर पास - स्थानीय प्रधान कार्यालय, भोपाल ।info@sbi-online.org
Published
Issue
Section
License
Copyright Notice
Submission of an article implies that the work described has not been published previously (except in the form of an abstract or as part of a published lecture or academic thesis), that it is not under consideration for publication elsewhere, that its publication is approved by all authors and tacitly or explicitly by the responsible authorities where the work was carried out, and that, if accepted, will not be published elsewhere in the same form, in English or in any other language, without the written consent of the Publisher. The Editors reserve the right to edit or otherwise alter all contributions, but authors will receive proofs for approval before publication.
Copyrights for articles published in World Scholars journals are retained by the authors, with first publication rights granted to the journal. The journal/publisher is not responsible for subsequent uses of the work. It is the author's responsibility to bring an infringement action if so desired by the author.