सम्पूर्णानन्द जी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व का समीक्षात्मक विश्लेषण

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  • डा. अशोक कुमार -

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Abstract

सम्पूर्णानन्द 20वीं सदी के भारतीय नेताओं में अपना विशेष स्थान रखते है। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व दोनों की उल्लेखनीय है। उनका जन्म काशी के एक सामान्य परिवार में हुआ था। उन्होनें बी.एम.सी., एल.टी. तक शिक्षा प्राप्त की थी। उनका सामाजिक, राजनीतिक जीवन एक शिक्षक के रूप में प्रारम्भ हुआ था। राजनीतिक नेताओं में वे महात्मा गांधी, लाला लाजपतराय, पुरूषोत्तम दास टण्डन, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, डा. राजेन्द्र प्रसाद, गोविन्द बल्लभ पन्त, रवीन्द्रनाथ टैगोर, मदन मोहन मालवीय से प्रभावित रहे। उनके समकालीन राजनैतिक घटनाओं ने भी व्यापक रूप से प्रभावित किया उन्हें राजनीति में प्रवेश के समय सम्पूर्ण एशिया एवं अफ्रीका में राष्ट्रीय भावना प्रबल हो रही थी। भारत में गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आन्दोलन तीव्र गति से चल रहा था। अंग्रेज सरकार की दमनात्मक नीतियों से सम्पूर्णानन्द, उत्तेजित थे। परिवार की रक्षा का दायित्व ईश्वर पर छोड़ने का निश्चय करके सम्पूर्णानन्द बीकानेर कालेज का प्रधानाध्यापक का पद त्यागकर स्वतन्त्रता संघर्ष में प्रवृत्त हो गये।

References

दिनमान साप्ताहिक 19 जनवरी 1999, पृ. 14

विश्वनाथ शर्माः सम्पूर्णानन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 41

भगवतीशरण सिंहः पूर्वोन्त, पृ. 30

सम्पूर्णानन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 17

सम्पूर्णानन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 18

सम्पूर्णानन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 19

सम्पूर्णानन्द अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 26

गहलोत भुवनेश्वर सिंहः उत्तर प्रदेश की महान विभूतियांः सम्पूर्णानन्द पृ. 103.

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2017-07-31

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