भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में निजी विश्वविद्यालय विकास चुनोतियाॅ और अवसर
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.Abstract
ननजी विश्िविद्मारम िैसे उच्चतय शिऺा सॊस्थान को कहा जाता है, जजन्हें ननजी तौय ऩय रोगों के एक सभूह मा एक सॊगठन द्िाया स्थावऩत औय सॊचाशरत क्रकमा जाता है, जजसका उद्देश्म ननजी विश्िविद्मारम अगधननमभ, 1992 के तहत फडी सॊख्मा भें छात्रों के फीच उच्च शिऺा के प्रसाय को फढाना है, जजसे 1992 भें 9 अगस्त को ऩारयत क्रकमा गमा था। ननजी विश्िविद्मारम आकाय, नाभाॊकन, ऩाठ्मिभ, वित्त ऩोषण प्रागधकयण, वित्तीम औय प्रफॊधकीम ऺभता भें सािभजननक विजश्िद्मारमों से शबन्न हैं। सािभजननक विश्िविद्मारम उच्च शिऺा के शरए छात्रों का ऩहरा विकल्ऩ देखा गमा है इसके फाद ही ननजी विश्िविद्मारम की ओय छात्र अऩना रुझान यखते हैं। ननजी विश्िविद्मारम उच्च शिऺा की विस्तारयत भाॊग की ऩूनतभ के शरए विकल्ऩ के रूऩ भें उबया है,ऩयन्तु ितभभान भें ऐसा देखा जा यहा है क्रक उनभें से कुछ ही ननजी विजश्िद्मारम हैं जो भानक एिभ भानदण्ड के अनुरूऩ स्िस्थ िेऺणणक भाहौर फनाते हुए ऑनसभ , भास्टसभ , डडप्रोभा मा सर्टभक्रपकेट कोसभ ि अन्म ऩाठ्मिभ सॊचाशरत कय डडग्री, डडप्रोभा मा िोध विषमक ऩाठ्मिभ के प्रभाण ऩत्र प्रदान कय यहे हैं ऩयन्तु कुछ ननजी विजश्िद्मारम गुणित्ता के स्थान ऩय व्मािसानमक दृजटटकोण के साथ प्रभाण ऩत्र वितयण कयने िारी सॊस्थान फनते जा यहे हैं।References
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