भारतीय समाज में वैधव्य एक अभिशाप (राजस्थान के विशेष संदंदर्भ में प्राचीन काल से 1987 तक)

Authors

  • डाॅ.धीरा शाह

Abstract

प्रस्तुत शोधपत्र में भारतीय समाज में वैधव्य की स्थिति पर अध्ययन किया गया है।
अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि वर्तमान में विधवाओं की स्थिति अच्छी नहीं है।
समाज के प्रत्येक सदस्य को साहस एवं स्थिरता के साथ विधवाओं की स्थिति में सुधार लाने का
प्रयत्य करना होगा। यदि कोई महिला विधवा हो जाए तथा उसे दूसरी शादी करने की इच्छा हो,
तो उसे प्रेरित करना चाहिए। ससुराल पक्ष द्वारा भी विधवा बहू को अपनी बेटी मानते हुए योग्य
वर का चयन करने में सहयोग करना चाहिए। अतः समाज को वे सभी प्रयास करने चाहिए,
जिससे विधवाएँ अपने वैधव्य के अभिशाप से मुक्त हो सके एवं उनका समुचित विकास हो, जिससे
स्वच्छ समाज का निर्माण हो सके।

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Published

2021-02-28