जबलपुर के चितेरे-स्व. श्री ब्योहार राम मनोहर सिन्हा

Authors

  • डॉ. एडलिन अब्राहम

Abstract

स्व. श्री ब्योहार राम मनोहर सिन्हा का जन्म जबलपुर, मध्यप्रदेश में दिनांक 15 जून, 1929 को प्रतिष्ठित ब्योहार परिवार में हुआ। वे जबलपुर के सबसे प्राचीन और सम्माननीय परिवार से जुडे़ है, जिन्होंने जबलपुर के सामाजिक सांस्कृतिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ब्योहार की उपाधि उनके पूर्वज श्री केसरी सिंग को मंडला के महाराजा निजाम शाह 1774 ई. के बाद उनकी विशिष्ट सेवा और दिलेरी के लिये प्रदान की थी।
उनकी दादी ही थी जिन्होंने उनकी कला के प्रति रूचि जागृत करने का सबसे महत्वपूर्ण काम किया। वे जबलपुर और उसके आसपास के क्षेत्र के प्राकृतिक दृश्यों से आकर्षित हुये और उन्हांेने पेंसिल से बहुत सी ड्राईंग बनाई उन्होंने जल रंग का प्रयोग कर मदन महल, देवताल और भेड़ाघाट की तस्वीर बनाई। उनके पिता एक हिन्दी लेखक होने के साथ साथ बंगाली भाषा के महारथी थे। कोलकत्ता से प्रकाशित होने वाली साहित्यिक पत्रिकायें ”प्रवासी“ और ”मार्डन रिव्यू“ उनके घर पर आया करती थी। इन पत्रिकाओं में अबिनिन्द्रनाथ टैगोर, नंदलाल बोस, गगनेद्रनाथ, रविन्द्रनाथ और बंगाल के कई सिद्धहस्त कलाकारो द्वारा बनाये गये चित्रों की रंगीन तस्वीरे छपी होती थी। रबिन्द्रनाथ और नंदलाल बोस के आदर्शवाद से प्रेरित होकर उन्होंने शाँतिनिकेतन मे आगे की पढ़ाई करने का र्निणय लिया।

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Published

2021-05-30

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Articles