‘‘सामान्य एंव शाराीरिक रूप से निःशक्त (पंगु अस्थि, श्रवण बाधित) बालकों की बौद्धिक क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन’’

Authors

  • डॉ. श्रीमती शैल मिश्रा

Abstract

विभिन्न धर्मों में शरीर को एक तत्व के रूप में माना गया है जिसे विभिन्न अंगांे से मिलकर बनाया गया है जिन्हें जोडकर वह एक शरीर का रूप धारण करता है प्रकृति में यथासंभव अधिकांशतः व्यक्ति समान रूप के है, परन्तु कुछ व्यक्तियों में शारीरिक कमियों के फलस्वरूप वे सामान्य व्यक्तियों जैसे नही हो सकते ।
शारीरिक रूप से निःशक्त बालक वह होता है जसमें कुछ शारीरिक कमियाँ हो और जिसका प्रभाव उसके शैक्षिक, व्यावसायिक, संवेगात्मक और सामाजिक समायोजन पर पड़ता है। शारीरिक रूप से निःशक्त बालकांे को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया , परन्तु प्रस्तुत शोध कार्य मंे पंगु अस्थि बाधित व पूर्ण श्रवण बाधित बालकों को लिया गया है।
पंगु अस्थि बाधित बालक वह होते हैं, जिनकी हड्डियों, जोड़ो, या मांसपेशियों में कोई ऐसी निःशक्तता अभिप्रेत है। अंग की गति में पर्याप्त निर्वंधन या किसी प्रकार का प्रमास्तिक घात हो।

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Published

2021-05-30

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Articles