ग्रामीण क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा

Authors

  • अंजू सिंह पटेल डॉ0 जय प्रकाश पटेल

Abstract

भारत के प्रत्येक गांव के चौराहों पर प्राथमिक शिक्षा पर चर्चा होना एक साधारण बात है। बहुसंख्यक नागरिक प्राथमिक विद्यालय के प्रति नकारात्मक बोलकर स्वयं को उससे अलग कर लेते हैं। वे समाज के प्रति अपने कर्त्तव्य भूल जाते हैं और सिर्फ सरकार, अधिकारी, शिक्षक, बच्चों पर टिप्पणी करते हैं। सच तो यह है कि भारतीय स्वतंत्रता के समय न्यून साक्षरता प्रतिशत आज पूर्ण साक्षर भारतीय समाज में तब्दील होने वाला है। इस कार्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका प्राथमिक विद्यालय से जुड़े शिक्षकों एवं अधिकारियों की रही है। वर्तमान में जनसमुदाय को सरकारी प्राथमिक विद्यालय के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हुए योगदान करने की आवश्यकता है, उससे मुँह मोड़ लेने की नहीं। प्राथमिक विद्यालय को सुन्दर, स्वच्छ, आकर्षक एवं अत्यधिक क्रियाशील करने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार एवं शिक्षक की ही नहीं है, जन समुदाय की भी है।

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Published

2021-05-30

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Articles