आचार्य दण्डी के 'दशकुमारचरित में परंपराए एवं लोकविश्वास

Authors

  • Tapesh Choure Rani Durgawati University,Jabalpur

Abstract

संस्कृत काव्य परंपरा में कवि और आचार्य के रूप में प्रसिद्ध दण्डी की एक महत्वपूर्ण कृति है 'दशकुमारचरित। दशकुमारों के साहसपूर्ण चरित्र को निबद्ध करने वाली यह रचना काव्याशस्त्रीय मान्यता के अनुसार गध-काव्य के आख्यायिका भेद में परिगणित होती है। इस रचना में हर्षवर्धनोत्तर भारत के आठवीं शताब्दी का समाज सामाजिक संगठन, संस्थाएं, परंपराएँ, प्रथाएं, जीवनशैली और मान्यताएं आदर्श आवरण के बिना ही अपने यथार्थ रूप में पूरी सच्चार्इ और र्इमानदारी के साथ चित्रित हुर्इ है।

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Published

2014-01-31