‘‘प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था (अथर्ववेद संहिता भाग एक, प्रथमकाण्ड) के संदर्भ में’’

Authors

  • रंजना गौतम असिस्टेंट प्रोफेसर केशरवानी महाविघालय, जबलपुर ;मण् प्रण्द्ध

Keywords:

शिक्षा, ऋषि, कर्म ।

Abstract

वेदों में प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था की दृष्टि से धर्म-अधर्म, शिक्षा-अशिक्षा एवं जीवन के मूलभूत सिद्धांतों तथा शिक्षा का अद्भुत प्रस्तुतीकरण मिलता है। ‘वेद’ के प्रत्येक विभाग की तरह ‘अथर्ववेद’ की अपनी कुछ ऐसी विशेषतायें हैं, जिनके आधार पर अनेक वेदज्ञ इसे अतुलनीय मानते हैं। ‘वेद’ की अन्य शाखाआंे में अपनी-अपनी विशिष्ट दिशाएं हैं, किन्तु ‘अथर्ववेद’ तो अपने अंक में मानों जीवन की समग्रता को समेटे हुए हैं। ‘अथर्ववेद’ मानव-धर्म के मूल, वेदों का ज्ञान जन सामान्य तक पहुंचाने एवं शिक्षा दानकरने के उद्देश्य से अथर्ववेद ज्ञान-विज्ञान, एवं शिक्षा का बहुत बड़ा स्त्रोत है

References

अथर्ववेद संहिता भाग एक संपादक - वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीरामशर्मा आचार्य एवं भगवती देवी शर्मा, प्रकाशक - ब्रह्मबर्चस, शांतिकुंज हरिद्वार (उत्तरांचल)।

चारों वेदों की सूक्तियां। लेखक पं.बी.डी. पाल। प्रकाशक- महामाया पब्लिकेशन 6/11 सदर बाजार जालंधर।

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Published

2014-11-30