लैंगिक भेदभाव : षिक्षा एक समाधान

Authors

  • डा. जगपाल सिंह सहायक प्रोफेसर-राज.विज्ञान स्वामी श्रद्धानंद महाविधालय (दिल्ली विष्वविधालय) अलीपुर, दिल्ली-36

Keywords:

स्वतंत्रता मानसिकता

Abstract

लैंगिक असमानता को दूर करने व महिलाओं की सिथति को सुदृढ करने के लिए समाज की मानसिकता में परिवर्तन करने की आवष्यकता है। वास्तव में यह कार्य एक दिन का नहीं है। इसके लिए समाज की सोच को बदलना होगा। इसके लिए एक लम्बा समय लग सकता है परन्तु यह असंभव नहीं है। महिला की असिमता या पहचान को सुरक्षित करना है तो समाज की षिक्षा व्यवस्था में नैतिक मूल्यों और उच्च गुणवत्ता के साथ-2 महिला स्वतंत्रता को भी प्रमुखता देनी होगी। कर्इ सदियों से भारतीय पुरूष समाज की मानसिकता महिलाओं के मामलें में असंवेदनषील और लैंगिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त रही है। एक लड़की को आज भी बोझ समझा जाता है और कन्या भ्रुण हत्या के मामलें में भारत दुनिया में आगे है।

References

दैनिक जागरण, दिसम्बर 16, 2013, नर्इ दिल्ली।

वही पष्ृठ।

धर्मपाल, ßनारी: एक विवेचनÞ, दिल्ली, भावना प्रकाषन, 1996, च्-109।

वही पष्ृठ, सं, 109।

वही पष्ृठ सं. 109-110।

वही पष्ृठ, सं.110।

वही पष्ृठ, सं. 110-111।

वही पष्ृठ,

वही पष्ृठ, सं

वही पष्ृठ, सं. 111-112।

दैनिक जागरण, जागरण सिटी, सोनीपत, जनवरी 25, 2014, नर्इ दिल्ली।

दैनिक जागरण, फरवरी 2, 2014, नर्इ दिल्ली।

Downloads

Published

2014-02-28