एक विष्लेषणात्मक अध्ययन भारतीय उदयोगों के सार्वजनिक क्षेत्र की बौधिदक पूंजी का प्रदर्षन

Authors

  • डा. सीमा पटारिया असिस्टेंट प्रोफेसर षासकीय वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविघालय सिवनी मध्य प्रदेष

Keywords:

मूल्यांकन, पंूजी, प्रतियोगी

Abstract

बौद्धिक पंूजी उदयोगों का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है बौद्धिक पंूजी का प्रबंधन करना प्रभावाी रूप से उदयोगो के प्रतियोगी लाभ को बढ़ा सके है। ऐसे उदयोगों की प्रतिस्पर्धात्मकता की मजबूत बनाने के लिए इस अध्ययन पर ध्यान केनिद्रत किया गया है ।जो इस ष्षोध के प्रदर्षन को भापने के लिए उपन्यास मूल्यांकन माडल स्थापित किया गया है । भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र में चयनित 50 कम्पनियों के कुल उदयोग और अनुभव जन्य नमूने के रूप् में चुने गए है परिणाम दिखाते हैं कि भारतीय क्षेत्र के लिए बेंच मार्किन उधम सबसे अच्छी कम्पनी परिचालन प्रदर्षन और उत्पादकता दोनों में चुना जाता है । इस माडल के साथ - साथ बौद्धिक पूंजी न्याय करने के लिए एक आकलन माडल प्रदर्षित करता है ।

References

अबेसकेरा आर्इ (2007) विकासषील और विकसित के बीच बौद्धिक पंूजी रिपोटिंग राष्ट्र पत्रिका बौद्धिक पूूंजी, 8(2), 329-345

बोनटिस, एन क्यू ब्ब् रिचर्डसन, एस (2000) बौद्धिक पूंजी और व्यापार प्रदर्षन मंलेषियन इंडस्ट्रीज बौद्धिक पूंजी 1 पत्रिका (1) 85-100

बोर्नमन एम. (1999) ट।व्ब् विधि के अनुसार मूल्य प्रणाली की संभावित इंटरनेष्नल जर्नल प्रौधोगिकी प्रबंधन, 18, 463-475

बोजबूरा एफ.टी. (2004) मापन और तुर्की में बौद्धिक पंूजी के आवेदन षिक्षा संगठन, 11(45); 357-367

चेन एम.चैंग एस. हांग, वार्इ (2005) के बीच संबंधो का एक अनुभवजन्य जांच बौद्धिक पंूजी और फर्म के बाजार मूल्य और वित्तीय प्रदर्षन बौद्धिक के जर्नल पंूजी वाल्यूम 6(2), 159-176

डकर पी. एफ (1993) पूंजीवादी समाज पोस्ट कर बटरबर्थ हिनेमैन च्नइसपेीपदहे आक्सफोर्ड

फाइर्र एस विलियम एसएम, (2003) बौद्धिक पंूजी और कारपोरेट के पारंपरिक उपायो का प्रदर्षन बौद्धिक पूंजी, पत्रिका (3) 348-360

फ्लोस्टेक पी. (2006) बिकवाली- बौद्धिक पूंजी संकेतको पर टिप्पणियों जर्नल के बौद्धिक पूंजी, 7(4), 457-473

गोह पी. सी. (2005) मलेषिया में वाणिजियक बैंको की बौद्धिक पूंजी का प्रदर्षन जर्नल के बौद्धिक पंूजी, 6(3), 385-396

गुथरी जे पैरी आर. रिसरी एफ. (2005) बौद्धिक पंूजी की स्वैचिछक रिपोटिंर्ंग जर्नल के बौद्धिक पूंजी, 7(2) 254-271

कामथ जी. बी. (2007) भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की बौद्धिक पंूजी का प्रदर्षन पत्रिका पत्रिका, बौद्धिक पूंजी 8(1), 96-123

जानसन एच.टी. कापलान आर.एस. (1987) प्रासंगिकता खो: प्रबंधन का उदय और पलन लेखांकन हावर्ड विजनेस स्कूल प्रेस, बोस्टन

Downloads

Published

2014-02-28