खनन उद्योग का पर्यावरण पर प्रभाव एवं प्रदूषण

Authors

  • सुनीत कुमार तिवारी पीएच-डी0 शोधार्थी, समाज कार्य महात्मा गाधंी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना (म0प्र0

Keywords:

पर्यावरण, प्रगति, संसाधनों, क्रियाकलाप, आवश्यकता।

Abstract

सम्पूर्ण पर्यावरण में मनुष्य प्रकृति की एक उत्तम कृति है। जब से मनुष्य का प्रादुर्भाव इस धरती पर हुआ, तब से लेकर आज तक मानव लगातार प्रगति करता हुआ, कुशलता पूर्वक कई सोपानों को पार कर चुका है। आदिकाल में वह प्रकृति के समस्त संसाधनों का उसी रूप में उपयोग करता था। जिस रूप में वे पाये जाते थे। किन्तु मानव ने जैसे-जैसे अपना विकास किया, उसी गति से उसने नये-नये संसाधनों को खोजना एवं उनका विकास करना प्रारंभ कर दिया। इन्हीं संसाधनों में एक प्रमुख संसाधन है खनिज। वर्तमान में खनिज संसाधन मानव जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। मानव के प्रत्येक क्रियाकलाप एवं प्रत्येक आवश्यकता में खनिजों का उपयोग होने लगा है।

References

संदर्भ सूची

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Published

2015-01-31