वैष्वीकरण के दौर में नारी चेतना एक संवैधानिक अध्ययन

Authors

  • टी.एल. मिर्झा (सहायक प्राध्यापक राजनीति शास्त्र) शा. नवीन महाविद्यालय मोहला जिला-राजनांदगांव (छ.ग.)

Keywords:

आधार, स्तंभ, कल्पना, शक्ति, सर्वोपरि, सर्वश्रेष्ठ।

Abstract

विश्व सामाजिक व्यवस्था में स्त्री और पु़रूष दो प्रमुख आधार स्तंभ है। एक के बिना एक-दूसरे का अस्तित्व अधूरा है। अतः विश्व समाज में उसका महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तव में स्त्री के बिना समाज की कल्पना ही अधूरी है। किसी समाज और राज्य उन्नति के लिए महिला शक्ति का विशेष महत्व रहा है। हमारे देश में प्राचीन काल से महिला का सर्वोपरि स्थान रहा है।
वस्तुतः वैदिक काल (1500-1000 ई.)- रामायण काल, महाभारत कालीन, सीता ,सावित्री, कुन्ती, देवकी, द्रौपती, मंदोदरी नारियों के लिए अनेक कथाएं है, जो जीवन के लिए आदर्श प्रतिमान स्थापित करते है। नारी प्रकृति की बेटी है, सृष्टि की परम सौंदर्यमयी सर्वश्रेष्ठ कृति है, उनकी आत्मा में प्रेम का प्रसून खिलता है। सौरभ समग्र सृष्टि को सुरभित करता हैं।

References

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Published

2014-11-30