भूगोल अनुसंधान में दूर संवेद का उपयोग (भेड़ाघाट क्षेत्र अध्ययन पर आधारित)

Authors

  • अजय सिंह पटेल विभागाध्यक्ष, भूगोल हवाबाग महिला महाविद्यालय, जबलपुर

Keywords:

विधियों, तुलनात्मक, अनुसंधान, आॅकड़ों, दूरसंवेद।

Abstract

प्रस्तुत षोध में भूगोल में अनुसंधान में प्रयुक्त विधियों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। ’’भूगोल का संबंध स्थानिक या भूविन्यासगत विभिन्नताओं से होता है।’’1 अनुसंधान हेतु आॅकड़ों की आवष्यकता होती है ’’ भूगोल में आकड़े किसी भी परिभाषित क्षेत्र में जहाॅ विभिन्न तथ्य क्षेत्रानुसार वितरित हों, भूगोल विदों का प्रथम कार्य इन तथ्यों का मापन तथा क्षेत्रगत वितरण का अंकन करना होता है।’’2 प्रस्तुत षोधकार्य में आॅकड़ों के एकत्रीकरण की दूरसंवेद रहित एवं दूरसंवेद सहित विधियों का उपयोग किया गया है। यद्यपि दोनों विधियों की अपनी-अपनी विषेषताएॅ एवं उपयोग है लेकिन एक ही धरातलीय विवरणों के अध्ययन में दोनों विधियों की तुलना द्वारा उनके गुण दोष सीमायें एवं उपयोगिता का अध्ययन किया गया है।

References

सिंह, संविन्द्र, भौतिक भूगोल, वसुन्धरा प्रकाषन, मेरठ, उत्तर प्रदेष, 2007

यादव, हीरालाल, षोध प्रविधि एवं मात्रात्मक भूगोल राधा पब्लिकेषन 2008

mptownplan.nic.in

षर्मा,जे,पी,,प्रायोगिक भूगोल, मेरठ प्रकाषन 2008 पृश्ठ क्र.

Downloads

Published

2014-03-31

Issue

Section

Articles