नक्सली प्रचार युद्ध: एक विश्लेषात्मक अध्ययन

Authors

  • श्रीमती वर्णिक डाॅ. गिरीशकांत पाण्डेय रक्षा अध्ययन विभाग शास. नागार्जुन स्ना.वि.महाविद्यालय रायपुर (छ.ग.) विभागाध्यक्ष- रक्षा अध्ययन विभाग शास. नागार्जुन स्ना.वि.महाविद्यालय रायपुर (छ.ग.)

Keywords:

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Abstract

‘‘विविधता में एकता’’ के लिये पहचाना जाने वाला भारत देश वर्तमान परिपेक्ष्य में ‘‘नक्सलवाद’’ रूपी आंतरिक सुरक्षा चुनौती का विषैले दंश को सहन कर रहा है। आधुनिक युद्धों का प्रमुख उद्देश्य शत्रु को अपनी नीतियों को मानने के लिये तथा आत्मसमर्पण के लिये विवश करना होता है। नक्सलवादियों द्वारा भी इतिहास से वर्तमान के लंबे सफर में मनोवैज्ञानिक युद्धाशास्त्रों का भरपूर दोहन द्वारा नक्सल मनोवैज्ञानिक युद्धकर्म का संचालन किया गया है। एसा ही एक अत्यंत प्रभावकारी मनोवैज्ञानिक युद्धशास्त्र है, ‘‘प्रचार’’।
    प्रचार द्वारा अन्य व्यक्तियों की मनोवृत्तियों की प्रभावित कर उन्हें सहमत बनाने हेतु सत्य/झूठ का चयनात्मक उपयोग होता है। सैनिक/असैनिक दोनों ही पक्ष के मनोबल को तोड़ने तथा घुसपैठ मजबूत करने हेतु ‘‘प्रचार’’ नक्सलवादियों के लिये हथियार और कवच दोनों है। ‘‘सैन्य कार्यवाही केवल युद्धकाल तक सीमित होती है, परन्तु मनोवैज्ञानिक शास्त्रास्त्रों का प्रयोग शांतिकाल में चलता रहता है।

References

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अध्ययन शोध समिति वार्षिक प्रकाशन, महाराजगंज (उ.प्र.)

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शोध उपक्रम-प्ैैछ.09767894ए छत्तीसगढ़ शोध संस्थान, रायपुर(छ.ग.)

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पत्र पत्रिकाएं:-

छत्तीसगढ़ आसपास, भिलाई

फ्रँटलाइन

इंडिया टुडे पत्रिका

प्रतियोगिता दर्पण, आगरा

समाचार प्रपत्र:-

दैनिक जागरण, दिल्ली (निरंकार सिंह जी का लेख)

दैनिक भास्कर, रायपुर (छ.ग.)

हिन्दुस्तान टाइम्स, रायपुर (छ.ग.)

पत्रिका, रायपुर (छ.ग.)

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साक्षात्कार:-

जन सामान्य यथा दुकानदारों, शा.कर्मियों आम निवासियों, गृहणियों, शिक्षिकाओं से से बातचीत

जन प्रतिनिधि सिहावा-सरपंच से बातचीत

पुलिस अधिकारी श्री आई.एच.खान-।ैच् रायपुर से संवाद

श्रीमती परवीन खान जी (सामाजिक कार्यकर्ता)

शहीद वाहिद खान की अर्धांगनी श्रीमती हीना यास्मीन जी से चर्चा

सलवा जुडुम -च्तवरमबज टपकमव

पत्रकार - श्रीमती उत्तरा विदानी जी से चर्चा

WEBSITES: -

www.aiprt.purespace.de (websits of All India Resistance forum)

www.moist.org

www.moismorg/ misc / india /cpimal/cpiml - pw / 30 years /30-

years.htm.

www.fas.org/irp/world / india/threat/naxlite.htm(has info on MCC

and PWG).

http://timessofindia.indiatimescom/topic.

परिशिष्ठ:-

(1) मनोविज्ञान - मन - मस्तिष्क और विज्ञान का समागम

(2) सैन्य मनोविज्ञान - युद्ध में मनोविज्ञान का प्रयोग अथवा युद्ध में मनोविज्ञान के विज्ञान का प्रयोग

(3) मनोवैज्ञानिक युद्धकर्म:- मनोवैज्ञानिक शस्त्रास्त्रों/आधार स्तंभों यथा प्रचार, अफवाह, ब्रेनवास, विचारारोपण आदि द्वारा लड़ा जाने वाला युद्ध अथवा परंपरागत युद्ध शैली से भिन्नित अन्य युद्ध शैली।

(4) नक्सली मनोवैज्ञानिक युद्धकर्म:- मनोवैज्ञानिक युद्धकर्म $ नक्सली विचारधारा।

(5) मनोवैज्ञानिक शस्त्रास्त्र:- मनोवैज्ञानिक युद्ध के आधारस्तंभ /शत्रु के मन पर विजय प्राप्त करने के साधन - प्रचार, अफवाह, ब्रेनवास, विचारारोपण आदि।

(6) प्रचार:- बहलाना अथवा फूसलाना

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Published

2015-03-31

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Section

Articles