संचार माध्यम और सामाजिक पुर्नरचना

Authors

  • केशव पटेल Journalist, Research Scholar ,Chitrakoot University

Keywords:

संचार माध्यम, सामाजिक पुर्नरचना

Abstract

संचार माध्यम (Communication Medium) से आशय है संदेश के प्रवाह में प्रयुक्त किए जाने वाले माध्यम। संचार माध्यमों के विकास के पीछे मुख्य कारण मानव की जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना है। वर्तमान समय में संचार माध्यम और समाज में गहरा संबन्ध एवं निकटता है। इसके द्वारा जन सामान्य की रूचि एवं हितों को स्पष्ट किया जाता है। तकनीकी विकास से संचार माध्यम भी विकसित हुए हैं तथा इससे संचार अब ग्लोबल फेनोमेनो बन गया है।भारत में प्राचीन काल से ही संचार माध्यमों का अस्तित्व रहा है। यह अलग बात है कि उनका रूप अलग-अलग होता था। भारत में संचार सिद्धान्त काव्य परपंरा से जुड़ा हुआ है।हनुमान व्याया नारद से होते हुए संजय तक और कागज़ों पर छपने वाले अख़बारों से व्याया रेड़ियो और एफएम होते हुए न्यू मीडिया के इस दौर में टेलीविजन से 10 इंच के मोबाइल तक संचार माध्यमों ने हर स्तर पर सामाजिक पुर्नरचना के लिए कार्य किया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि संचार माध्यमों की प्रकृति,संचार के उपयोगकर्ता के साथ-साथ समाज से भी जुड़ा होता है।

References

Shrimad Bhagwat Geeta ,Ramayan,Narad Sanhita,Narad Bhakti Sutra

http://www.aajsamaaj.com/jivan-mantra.

www.google.com

http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/26293/11/11_summary.pdf

Discussion with Sunta Verma Assistant Professor Peoples University Bhopal

Downloads

Published

2015-06-04

Issue

Section

Articles