एक अध्ययन - जनसंचार की संभावना एवं संरचना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में

Authors

  • वर्षा तिवारी षोधार्थी रानी दुर्गावती विष्व विद्यालय

Keywords:

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Abstract

संदेषों का प्रेषण  व्यापक  जन-समुदाय के बीच में होता है । यह व्यापक  जन-समुदाय ’पचमेल खिचड़ी’ होता है, जिसमें अनेक वर्ण, जातियों, सम्प्रदायों, विचार-धाराओं के लोग होते हैं । इस स्तर के ’संचार’ में भी इलैक्द्रँानिक उपकरण हो सकते हैं । जैसे - रेडियो, टेलीविजन, टेप-रिकाॅर्डर, फिल्म विडियो कैसेट ,सीडी और वीसीडी, आदि । इनके अतिरिक्त मुद्रित सामग्री समाचार-पत्र , पत्रिकाॅए, पुस्तकें , पम्पसेट , डाक-प्रचार-सामग्री पोस्टर आदि ।  ’जनसंचार’ में फीडबैक ( ) की संभावनाएँ  बहुत कम होती है ; क्योंकि जनसमूह  संदेष प्रेषक के सीघे आमने-सामने नहीं होता । यह ’जन संचार’ के प्रभावपूर्ण ’संचार’ में बहुत बड़ी बाधा है ।

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Published

2016-04-30

Issue

Section

Articles