मध्यप्रांत और बरार में नारी शक्तिमें चेतना(सन् 1920 से 1924 तक)

Authors

  • डाॅं. नितिन सहारिया षासकीय एम.एम. महाविद्यालय कोतमा, जिला-अनूपपुर (म0प्र0)

Keywords:

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Abstract

भारतीय समाज के प्रायः नारियों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं रही है। यद्यपि अनेक
प्रयत्नों से नारियों की स्थिति में सुधार के प्रयास किये गये किन्तु दीर्घकालीन
रूढि़यों और संस्कारों को बदलने में कठिनाईयां सामने आई।
1920 में मध्यप्रांत तथा बरार में प्राथमिक शिक्षा के अधिनियम का अधिनियम हुआ।
मध्यप्रांत तथा बरार शिक्षा अधिनियम 1920 में व्यवस्था की गई कि नगर पालिकाओं द्वारज्ञ
5 से लेकर 11 वर्ष तक के बालक बालिकाओं के लिये अनिवार्य शिक्षा प्रारंभ की जाये।
इस अधिनियम से बालक बालिकाओं की प्रारंभिक शिक्षा अनिवार्य हुई और ज्ञान को प्राप्त
करने की अनिवार्यता ने महिला शिक्षा की जड़ें मजबूत की।

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Published

2015-08-31

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