उच्च शिक्षा का ऐतिहासिक विष्लेषण

Authors

  • डाॅ. भावना तिवारी विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग नवयुग कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय जबलपुर (म.प्र.)

Keywords:

Abstract

नालंदा विष्वविद्यालय में चीन, कोरिया, जावा, सुमात्रा, कम्बोडिया आदि देषांे से अध्ययन के लिए विद्यार्थियों के आने के स्पष्ट उल्लेख मिलते हंै। परन्तु दुर्भाग्य से कालान्तर में यह परम्परा नष्ट हो गई तथा आधुनिक विज्ञान व तकनीकी के विकास के साथ-साथ पष्चात्य देष उच्च षिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी हो गये इसके परिणामस्वरूप भारत में आधुनिक विष्वविद्यालयों की आवष्यकता महसूस की गई। आधुनिक प्रकार की उच्च षिक्षा के आधारषिला ब्रिटिष काल में रखी गई थी। परन्तु भारत वर्ष में उच्च षिक्षा कोई नई बात नहीं थी। प्राचाीन काल में गुरूकुलों, आश्रमों तथा बौद्ध संघों में विद्यार्थी कुछ विषेष विषयों का गहन अध्ययन करके उच्च षिक्षा प्राप्त करते थे प्राचीन तथा मध्यकाल के कुछ उच्च षिक्षा केन्द्र अपनी गुणवत्तापूर्ण षिक्षा के लिए सम्पूर्ण विष्व में प्रसिद्ध थे जिनमें अध्ययन करने के लिए दूर-दूर से विद्यार्थी आया करते थे।

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Published

2016-11-30