शासन संसाधन और भारत में आदिवासियों की आजीविका

Authors

  • डाॅ. अनुजा तिवारी विभागाध्यक्ष (शिक्षा संकाय) नवयुग कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय जबलपुर (म.प्र.)

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Abstract

ग्रामीण विकास एवं सत्ता के विकेन्द्रीकरण के उद्देश्य से 24 अप्रैल 1993 को 73वां संशोधन अधिनियम लागू किया गया। जिसे भारत में शक्तिशाली स्वायत्ता शासन की स्थापना के लिए स्वर्णिम युग कहा गया। भारत सरकार साहित विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा ग्रामीण विकास हेतु कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसके अलावा हम इय आयोजन ग्रामीण विकास उन्मुख रहा। आजादी के बाद ग्रामीण पंचवर्र्षीय योजनाओं में ग्रामीण विकास को महत्व दिया गया। आजादी से पहले सरविकू-वैश्वरैया ने भारत के नियाजित विकास के लिए एक 10 वर्षीय कार्यक्रम प्रस्तुत किया इन्होंने भारत के लिए नियोजित अर्थव्यवस्था नामक पुस्तक लिखी जिसे 1934-35 के भारतीय आर्थिक सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। भारत में गांवें का देश कहा जाता है। भारत की खुशहाली यहाॅ की पगडंडियों के बीच से होकर जाती है। हमारे देश के 70ः भाग ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित है। हमारी अर्थव्यवस्था का 70ः भाग गांव और किसानों से ही आता है। इस प्रकार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 70ः भाग आजीविका के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर रहते है।

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Published

2016-11-30