मानवीय गतिविधियों का पर्यावरण पर प्रभाव

Authors

  • डाॅ. अनुपमा जायसवाल सहायक प्राध्यापक नवयुग कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, जबलपुर

Keywords:

Abstract

देश की पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय सन्तुलन के बारे में सोचना और उसकी क्रियान्वित निश्चय ही सरकार का कार्य है। हाँ, यह सत्य है कि कितने ही उदाहरण और शोधों के आधार पर अब यह स्वीकार कर लिया गया है कि जब तक किसी भी सरकार द्वारा प्रायोजित कार्य योजना में जन-साधारण की भागीदारी नहीं होगी तब तक उस कार्य की सफलता में संदेह की स्थिति बनी रहेगी। अतः सामाजिक वानिकी में खेतों में गाँव के लोगों द्वारा वृक्षारोपण तथा अन्य अपने स्वामित्व वाले स्थानों पर पेड़ लगाने तथा कालान्तर में उनको बेचकर उनका आर्थिक लाभ उठाने का कार्य अति महत्वपूर्ण और जनता के रूचिनुकूल रहा है। इस हेतु सरकारी नर्सरियों से बिना मूल्य अथवा नाममात्र के मूल्य पर पौधे उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।

References

अपना पर्यावरण - डाॅ.एम.के.गोयल

पर्यावरण षिक्षा - डाॅ.वीणाबाना, डाॅ. राजीव बना

पर्यावरण षिक्षा - आर.ए.षर्मा

पर्यावरण षिक्षा एवं -श्री लोकेष षर्मा

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Published

2016-11-30