‘‘सामान्य स्वास्थ के विषेष संदर्भ में पतजंली योग सूत्र पर अध्ययन‘‘

Authors

  • JYOTI SINGHAI M.A. M. Phl in yoga

Keywords:

Abstract

योग एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुषासन है, जिसका सारे मस्तिष्क और शरीर, इंसान और प्रकृति के बीच सामंजस्य पर रहता है। यह स्वस्थ जीवन के लिए कला और विज्ञान दोनो ही है। योग के संपूर्ण दृष्टिकोण अच्छी तरह से स्थापित हो चुके है और यह जीवन के हर क्षेत्र में सामंजस्य स्थापित करता है।
वास्तव में शारीरिक रूप से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप में सभी इंसानो को पूर्ण स्वास्थ प्राप्त करने के लिए योग की आवष्यकता है और अगर कोई योग के बारे में चर्चा कर रहा है, तो उसे योग के सबसे प्राचीन पाठ या पतंजली योग सूत्र के बारे में पता होना चाहिए। यह महर्षि पतंजली ने लगभग 250 ईसा पूर्व के 300 में वर्णित किया था। यह सब योग सूत्र के लिए है, योग की प्रथाओं के लिए ‘‘पतंजली योग सूत्र‘‘ कहा जाता है। यहाॅं हम पूरे पाठ को सामान्य स्वास्थ के संदर्भ में तलाषने जा रहे है। इसका मतलब है कि सामान्य के लिए यहा षिजी द्वारा चीजों को क्या बताया जाता है, सामान्य स्वास्थ इसका अर्थ है, ‘‘ स्वास्थ संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है केवल रोग या दुर्बलता की अनुउपस्थिति नहीं है।‘‘ यह हम उस सूत्र को तलाषने जा रहे है जो मूलरूप से शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण से संबंधित है

References

अरूणा ए.के., पतंजली योग सूत्र, अनुवाद और कमेंट्री इन द लाइट आॅफ. वेदांत स्क्रिप्चर पबः उपासना योग

स्वामी विवेकानंद, पतंजली योग सूत्र पर टिप्पणी

शर्मा. रामनाथ, पैरा मनोविज्ञान और योग रेज। जे किल। ेबण्अव11 में, नंबर 1, केदारनाथ रामनाथ, मेरठ, यू.पी.

श्री पतंजली योग दर्षनम, (एक पाकेट बुक), कैवाललाधाम, लोणावाला-410403

स्वर्ण जयंती वर्ष यादगार (1975) केवल्यधाम एस एम वाई एम समिति, लोणावाला 140430

दासगुप्ता, सरेन्द्रनाथ (2011) पाटजा के एक अध्ययन, इंडियन काउंसिल आॅफ फिलाॅसाॅफिल रिसर्च, दर्षन भवन, 36 तुगलकाबाद इंस्टीटयूषन, नई दिल्ली 110062

Downloads

Published

2017-05-31

Issue

Section

Articles