1937 और 1946 ई. के दौरान बिहार में मुुस्लिम अलगाववाद का प्रसार

Authors

  • डाॅ. धीरा शाह

Abstract

प्रस्तुत शोधपत्र 1937 और 1946 ई. के दौरान बिहार में मुस्लिम अलगाववाद के प्रसार को
लेकर लिखा गया है। मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 में हुई थी, इससे अलगाववाद की प्रवृत्तियों
का स्पष्ट संकेत दिखाई दे रहा था। सन् 1909, 1919 एवं 1935 ई. के भारत शासन के
अधिनियमों में इसे वैधानिक रुप और गति दी गई। सन् 1916 में कांग्रेस का लखनऊ सम्मेलन
हुआ, जिसमें कांग्रेस के द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति प्रारंभ हुई। पाकिस्तान उसका ही
एक प्रमाण है। चुनावी राजनीति में फूट डालो और राज करो की नीति साफ दिखाई देती है।
बिहार में भी वही सब कुछ हुआ, जो इस नीति के तहत किया जाना आवश्यक होता है।

References

सुलेखा दास कांग्रेस एट द हेल्म‘ दिल्ली, 1986, पृ. 13.

तकी रहीम, स्वतंत्रता आंदोलन में बिहार के बिहार के मुसलमानों का योगदान, पटना

वर्ष-2000, पृ. 195

पेडरल मून, डिवाइड एंड क्वीट, दिल्ली, 1988, पृ. 14.

तकी रहीम पूर्व उद्वत पृ. 106

जमीलउददीन अहमदध्संपादित, सम रीसेन्ट स्पीचेंज एंड राइटिंग ऑफ मुहम्मद जिन्ना,

खंड-1, लखनउ, पृ. 31-32.

द इंडियन नेशन, पटना, 10 सितंबर 1937.

जॉन मरे, जिन्ना क्रियेटर ऑफ पाकिस्तान, लंदन 1954 पृ. 122

पॉलिटिक्स स्पेशल, बिहार राज्य अभिलेखागार, फाईल संख्या 584ध्1939.

अली अनवर मंसावत की जंग, दिल्ली, 2001, पृ. 116.

शो क्वाजियाँ मुस्लिम नेशनलिज्म एंड द पार्टिशन ऑफ 1946 प्रोवेन्सियल इलेक्शन इन

इण्डिया, नई दिल्ली. 1998 पृ. 221.

Downloads

Published

2021-02-28