दलित उत्पीड़न रू एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

Authors

  • डॉ. जितेन्द्र क चौधरी

Keywords:

दलित, दलितों की निर्याेग्यताएँ, दलित उत्पीड़न के तरीके

Abstract

दलितों के प्रति होने वाले शोषण एवं अत्याचार का इतिहास बहुत पुराना है। जोसंवैधानिक व्यवस्थाओं, संरक्षण के उपायों एवं कानूनों के माध्यम से समाप्त नहीं हो सकतेलेकिन सीमित अवश्य ही हुये है। भारतीय समाज के ग्रामीण परिवेश में चूंकि यह व्यवहारप्रथाओं और परम्पराओं के समान है जिससे शीघ्र मुक्ति पाना संभव नहीं है। जाति व्यवस्थाकी कठोरता जिसने वर्तमान समय में राजनीतिक रूप लेकर जातिगत घृणा को उत्पन्न करसामाजिक भाई-चारा एवं समरसता को समाप्त कर जाति प्रथा की कठोरता को बल दियाहैं। ऐसी स्थिति में दालितों के प्रति होने वाले अत्याचारों के रूपों में परिवर्तन केसाथ-साथ यह प्रथा समयानुसार अपने आपको परिवर्तित कर नये-नये रूपों में इसव्यवस्था को बनाये हुए है। जिसका सामाजिक रूप से समाप्त होना शीघ्र संभव नही है। प्रस्तुत शोध प्रपत्र अप्रकाशित शोध प्रबंध दलितों पर अत्याचार प्र‟ति एवं वैधानिकप्रावधान का समाजशास्त्रीय विश्लेषण मध्यप्रदेश राज्य के जबलपुर जिले से सम्बधित है।

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Published

2018-12-30