पूर्वोत्तर: अलगाववाद या आतंकवाद

Authors

  • निखिल कुमार सिह

Abstract

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और एक षांतिप्रिय देष है। यहॉं प्रत्येक नागरिक को अपनी बात कहने का पूरा हक है। लेकिन फिर भी हमारे यहॉं कुछ ऐसे समूह हैं जो जोर-जबरदस्ती, बंदूक की नोंक पर अपनी बात मनवाना चाहते हैं। ये आतंकवादी समूह हिंसा के रास्ते अपने अनैतिक सपनों को साकार करना चाहते है। आज जब लगभग पूरी दुनिया आतंकवाद की चपेट में है तो भला भारत इससे किस प्रकार अछूता रह सकता था। विष्व के अन्य हिस्सों की तरह भारत मे ंभी संगठित आतंकवाद का भयानक रूप हमारे सामने है। भारत के विभिन्न राज्यों सहित राजधानी दिल्ली भी आज आतंक के साए में है। भारत का आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो आतंकवाद से अछूता हो। बाज चाहे हम जम्मू-कष्मीर की करें या फिर तमिलनाडू की, बात चाहे उत्तर-पूर्वी राज्यों की हो या फिर पष्चिम बंगाल या बिहार की, बात चाहे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हो या फिर आर्थिक राजधानी  मुम्बई की, हर तरफ बस आतंकवाद की आतंकवाद पसरा हुआ है।।

References

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Published

2021-12-30