रक्षा क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का युद्ध व शांतिकाल में प्रयोग

Authors

  • निखिल कुमार सिह

Abstract

ज्ञान और विज्ञान की सैद्धान्तिक एवं अनुप्रयोगिक इकाई ‘सूचना’ है। सूचना एक स्वप्न विचार सिद्धान्त या तथ्य कुछ भी हो सकता है। इन्हीं सूचनाओं का उनके गंतव्य तक पहुचाने या पाने की विधा को सूचना, संचार की संज्ञा दी जाती है। हमेषा से ही मानव अपने संदेषों को दूर-दूर तक पहुंचाने तथा दूरस्थ तक पहुंचाने तथा दूरस्थ संदेशों को पाने की दिशा में प्रयत्नशील रहा है। प्राचीनकाल से ही संदेशों को पहुंचाने तथा प्राप्त करने के लिए दूत भेजे जाते थे, तथा दौत्य कार्य को अन्यत्र महत्वपूर्ण माना जाता था। घरेलू स्तर पर इनकी भूमिका युद्ध तथा षांतिकाल दोनों में ही महत्वपूर्ण थी, इसलिए दूत का बुद्धिमान तथा चतुर होना प्राथमिक आवष्यकता थी। जैसे महाभारत काल में युद्ध को टालने के लिए पाण्डवों ने अपने मध्य से सर्वाधिक प्रबुद्ध श्री कृश्ण को दूत के रूप में कौरवों के पास भेजा था। उस समय साधारण संदेषों को त्वरित गति से पहुंचाने के लिए घुड़सवार संदेष वाहक भी होते थे। वर्तमान में डाक विभाग से लेकर आधुनिक सूचना संचार प्रौद्योगिकी इन्हीं संदेष वाहकों का आधुनिकतम रूप है।

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Published

2015-09-30