वैष्विक षांति में भारतीय साहित्य की भूमिका
Abstract
आज एक बौद्धिक फैषन है कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार, बलात्कार, सामूहिक नरसंहार जैसे सब कामों के पीछे आर्थिक और राजनैतिक प्रेरणाओं को मुख्य बताया जाए। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि पहले जिन लोगों ने उपनिवेष बनाए तथा उक्त कृत्यों को अंजाम दिये उनके लिए मजहबी प्रेरणाएं ही बहुत अधिक महत्वपूर्ण थी।
दुनिया का सबल राष्ट्र 9/11, 2001 को ध्वस्त हुआ। गोरी जातियों का संयुक्त गौरव प्रतीक षिखर पेन्टागन और विष्व-व्यापार-क्रेन्द्र भवन भस्मसात हो गया। यह ध्वंस जैसे अमेरीका के लिए अपषगुन का प्रतीक बन आया। जैसे भीष्म दुनिया के कल्याण के लिये प्राप्त ब्रह्मास्त्र अपने ही गुरु परषुराम पर चला दिया। यहां जातीय गौरव, परिवार और सिंहासन से छोटा हो गया। किन्तु यहां कोई गुरु नही था जो इन्हें मना करता और यह वार मात्र टकराहट से ही विफल हो जाता और ध्वंस का यह वीभत्स स्वरूप दुनिया के लिए आतंक की पहचान न बनता। यह बात अलग है कि परषुराम और भीष्म का युद्ध आज की तरह मजहवी उन्माद अथवा आतंक का नहीं अपनी-अपनी सोच और हठता का था। किन्तु कई बार कौन सी घटना आतंकवादी है और कौन सी नहीं यह भी समझना आवष्यक हो जाता है। मसलन राम का ऋषि आश्रामों तथा वनों में राक्षसों का बध करना आतंकवाद नहीं, बल्कि आतंक और अत्याचार की समाप्ति था। रुस में लेनिन का भूमिहारों की सहायता से पूंजीपतियों तथा जार के विरुद्व लड़ना और 1857 में भारतीय सैनिकों का अंग्रेजों के विरूद्ध संघर्ष स्वतंत्रता संग्राम था। इसी तरह भारत का वंग्लादेषियों के स्वतं़त्रता में मदद करना भी पर राष्ट्र पर भारत का आन्तरिक अस्तक्षेप नहीं था। कारण यह कि ये सारी कार्यवाईयां या तो देष में सुरक्षा और षान्ति स्थापित करने के लिए की गई, या देष को विदेषी षक्तियों अथवा स्वदेषी आतातायियों से मुक्त कराने के लिये देषवासियों द्वारा की गई।
References
(एक्सोडस 6.3) 1 योग की आध्यात्मिक विद्या और सेमेटिक धर्म, लेखक-रामस्वरूप ,अनुवादक एवं सम्पादकः प्रो. रामेष्वर मिश्र ‘पंकज‘ पृ. 26, प्रकाषनः म.प्र.हिन्दी ग्रंथ अकादमी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर मार्ग, बानगंगा,संस्करण प्रथम,2007। 2.वही‘ पृ. 27, 3.वही‘ पृ. 27, 4.वही पृ. 35, 5.वही,पृ. 35, 6.वही, पृ. 2, 7. वही‘, पृ. 142, 8.वही, पृ. 143, 9.वही, पृ. 144, 10.वही पृ. 134, 11.वही पृ. , 12.वही पृ. 2, 13 वही, पृ. 9, 14. वही, पृ. 9, 15. प्रस्तावना ,सम्पादक भानुप्रताप षुक्ल, झण्डेवाला नईदिल्ली ,पृ.24, 16.इस्लाम का अन्तरदर्षन, डाॅ श्रीरंग अरविंद गोडबोले,प्रकाषकः अ.भा.सं.समन्वय संस्थान,पाथेय भवन,बी-19,न्यू कालोनी जयपुर,पृ.9 ,17.पूर्व और पष्चिम(खंण्ड 8,अध्याय 7) 18. प्रस्तावना -भानुप्रताप षुक्ल पृ. ..,संस्करण,, 19. स्वाधीनता के पथर पर,गुरूदत्त, विद्या मन्दिर लिमिटेड,नई दिल्ली,12/90,कनाॅट सरकस,षष्ठ संस्करण,1989पृ.64 ,20. अरविन्द, केदारनाथ वर्मा, प्रकाषन, नागपुर, संस्करण प्रथम,1980, पृ.18 ,21. स्वाधीनता के पथर पर,गुरूदत्त, विद्या मन्दिर लिमिटेड,नई दिल्ली,12/90,कनाॅट सरकस,षष्ठ संस्करण,1989पृ.64 ,22. वही,पृ.145,23. बी.बी.सी न्यूज आलेख विकी पीडिया, ,24. आलेख, 25 कविता कोष, 26 कविता कोष, 27. कविता कोष, 28 अखण्ड भारत पुस्तिका से पृ.11।
Downloads
Published
Issue
Section
License
Submission Preparation ChecklistSubmission Preparation Checklist
Before proceeding with your submission, please ensure that you have completed the following checklist. All items on the list must have a checkmark before you can submit your manuscript: