”सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली तकनीक एवं उपयोगिता“

Authors

  • डाॅ. श्रीमती अनिता अग्रवाल अतिथि विद्वान (भूगोल विभाग) शा.कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय बरेला, जिला-जबलपुर (म.प्र.)

Abstract

किसी भी राष्ट्र के योजनाबद्ध विकास के लिए विश्वसनीय एवं सामयिक सूचनाओं की आवश्यकता होती है। भारत जैसे वृहत क्षेत्रफल, जनसंख्या एवं विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले देशों के लिए भू-आधारित विधियों द्वारा सही समयबद्ध सूचना एकत्रीकरण एवं प्राकृतिक संसाधन सर्वेक्षण एक जटिल प्रक्रिया है। उपग्रह आधारित भू-सर्वेक्षण प्रणाली ही इसका एक मात्र सरल एवं सशक्त विकल्प है। विगद कुछ दशकों में प्राप्त अंतरिक्ष उपलब्धियों के कारण आज उपग्रह जन जीवन के अभिन्न अंग बन गये हैै। मौसम विज्ञान, संचार एवं सुदूर संवेदन के क्षेत्रों में तो उपग्रहों ने तकनीकी क्रान्ति ही ला दी है। आज व्यापार, सूचना, प्रसारण, आपदा राहत, साक्षरता अभियान, प्रौढ़शिक्षा, स्वास्थ एवं परिवार कल्याण, सामान्य ज्ञान प्रसार, उपग्रहो से, दूरदर्शन के माध्यम से महत्वपूर्णं है। ऊँची पहाड़ी चोटी पर जहां तारों का जाल नहीं बिछाया जा सकता है, रहने वाले ग्रामीण भी आज उपग्रहों के द्वारा देश-विदेश में संचार के माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर सकते है। वर्तमान में अंतरिक्ष विज्ञान में इतनी अधिक उन्नति कर ली है, कि उपग्रहों से प्राप्त सूचनाओं का उपयोग करके सर्वांगींण विकास किया है। सर्वे आॅफ इण्डिया संस्था द्वारा निर्मित स्थलाकृतिक मानचित्र के द्वारा भौगोलिक क्षेत्रों का विश्लेषण किया जाता है एवं दूर संवेदन के द्वारा प्राप्त आॅंकड़ों की सूचनाओं के द्वारा उस स्थान के मानचित्र को अद्यतन किया जा सकता है। उच्च प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी का उपयोग करके भूगोल विषय द्वारा व्यापक पैमाने पर सुदूर संवेदन तथा भौगोलिक सूचना प्रणाली का निर्धारण का अनुप्रयोग करके संसाधनों का प्रबंधन करने हेतु तथा विश्लेषण करके देश, प्रदेश अथवा क्षेत्र का और अधिक विकास किया जा सकता है। आज दूर संवेदन द्वारा किसी भी क्षेत्र के भौतिक तत्व जैसे, संरचना, उच्चापच, भू-आकारकी मृदा वनस्पति, जल, खनिज, शक्ति के संसाधन, भूमि उपयोग, जलवायु सांस्कृतिक तत्वों यथा जनसंख्या वितरण, अधिवास, पर्यावरण, प्रदूषण अध्ययन आदि उपयोगी जानकारियाॅं और आॅंकड़े आदि सुदूर संवेदन के जरिये हासिल किए जा सकते हैं, जो राष्ट्रीय विकास में खासी भूमिका निभा सकते है।

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2015-04-30

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