वर्तमान परिवेष और सुखी परिवार - एक मनोवैज्ञानिक

Authors

  • Sahdev Gupta Asst Professor Navyug College Jabalpur

Keywords:

जीवन, वर्तमान, त्याग

Abstract

रूण इसलिए क्योकि वो भविष्य को वर्तमान में खीच कर लाना चाहते हैं, सब कुछ बहुत जल्दी पा लेना चाहते है और वृद्धजन इसलिए क्योकि वर्तमान के आंगन में उनके अतीत के समय को कोर्इ सम्मानजनक स्थान नही प्रदान किया जा रहा है, उनके संस्कारों, जीवन मूल्यों व त्याग तथा सहनषीलता के धरोहर को कोर्इ विषेष महत्व नही दिया जा रहा है। तरूणों को षिकायत है कि वृद्धजन हमारे विकास में बाधा है तो वृद्धजनो को लगता है कि तरूण अपने विकास के गुरूर में हमारे मान-सम्मान को राेंदे जा रहे हैं

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Published

2014-01-31